BCCI Family Stay Policy: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने खिलाड़ियों के परिवार को विदेशी टूर्स पर लंबे समय तक साथ रखने की मांग को साफ मना कर दिया है। BCCI के सचिव देवजीत सैकिया ने बताया कि बोर्ड अपने नियमों में बदलाव नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यह नीति देश और BCCI दोनों के हित में है।
इससे पहले 16 मार्च को विराट कोहली ने कहा था कि खिलाड़ियों को विदेशी दौरों पर परिवार के साथ ज़्यादा समय बिताने की इजाज़त मिलनी चाहिए, क्योंकि मानसिक तनाव या मुश्किल दौर में परिवार का साथ मददगार होता है। कोहली के इस विचार का समर्थन पूर्व कप्तान कपिल देव ने भी किया था।
BCCI Family Stay Policy: परिवार को साथ रखने की छूट मिलेगी सिर्फ़ इन हालात में!
BCCI के सचिव ने साफ किया है कि खिलाड़ियों के परिवार को विदेशी टूर्स पर ज़्यादा समय तक साथ रखने के नियम में बदलाव सिर्फ़ खास मामलों में ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई बदलाव होगा भी, तो वह बोर्ड की तय प्रक्रिया के हिसाब से ही होगा। हालाँकि, विदेशी दौरों के दौरान खिलाड़ियों के परिवार के साथ रहने की समयसीमा बढ़ाई गई है, लेकिन यह छूट सिर्फ़ कुछ विशेष हालात में ही दी जाएगी, जैसे- खिलाड़ी के स्वास्थ्य या पर्सनल मुश्किलों की स्थिति में।
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BGT हार के बाद BCCI ने बनाए नए नियम
ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) सीरीज में भारत की हार के बाद BCCI ने 10 नए नियम/स्टैंडर्ड (SOP) लागू किए थे। इनमें विदेशी टूर्स के दौरान खिलाड़ियों के परिवार के साथ रहने के समय को सीमित करने का प्रावधान भी शामिल था।
परिवार के साथ रहने से जुड़े BCCI के नियम:
- अगर कोई विदेशी टूर 45 दिन से ज़्यादा लंबा है, तो खिलाड़ी अपने परिवार को साथ रख सकते हैं, लेकिन अधिकतम 14 दिन तक।
- अगर टूर 45 दिन से कम का है, तो खिलाड़ियों को परिवार के साथ रहने की इजाज़त सिर्फ़ 1 हफ्ते (7 दिन) तक ही मिलेगी।
BCCI सचिव सैकिया का बयान: “नियम सबके लिए एक जैसे!
BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने साफ किया कि बोर्ड के नियम हर टीम मेंबर पर समान रूप से लागू होते हैं, चाहे वह खिलाड़ी हों, कोच, मैनेजर या सपोर्ट स्टाफ। उन्होंने क्रिकबज से कहा, “लोकतांत्रिक देश होने के नाते सबकी अपनी राय हो सकती है, लेकिन BCCI की नीतियां सबके लिए एक समान हैं। इन्हें सभी के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है।”
नई नीति पुराने नियमों का ही अपडेटेड वर्जन है:
सैकिया ने जोर देकर कहा कि यह नीति कोई नई या अचानक बनाई गई चीज़ नहीं है। यह दशकों पुरानी व्यवस्था है, जो BCCI के वर्तमान अध्यक्ष रोजर बिन्नी के खिलाड़ी रहने के दिनों से चली आ रही है। हालाँकि, इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं, जैसे- प्रैक्टिस मैच, मैच शेड्यूल, टूर प्लानिंग, टीम की ट्रैवल व्यवस्था, और खिलाड़ियों की जिम्मेदारियों को और स्पष्ट किया गया है। इन बदलावों का मुख्य मकसद टीम में एकता और तालमेल बनाए रखना है।
विराट कोहली ने कहा- “मुश्किल वक्त में परिवार का साथ सबसे बड़ा सहारा!
आईपीएल 2025 से पहले आरसीबी इनोवेशन लैब की ‘इंडियन स्पोर्ट्स समिट’ में विराट कोहली से जब विदेशी टूर्स के दौरान परिवार की भूमिका के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “लोगों को समझाना मुश्किल है कि जब आप किसी मुश्किल दौर से गुजर रहे हों, तो परिवार का साथ कितना ज़रूरी होता है। यह समझाना आसान नहीं कि यह सपोर्ट आपको मानसिक रूप से कितना मजबूत करता है।”
कोहली ने आगे कहा, “मुझे हैरानी होती है कि लोग इसकी अहमियत नहीं समझते। जिन लोगों का हालातों पर कोई कंट्रोल नहीं, उन्हें बहसों में घसीटकर यह कहा जाता है कि परिवार को दूर रखना चाहिए। यह सोच मुझे निराश करती है।”
रोहित शर्मा ने उठाया था “परिवार के साथ रहने” का मुद्दा!
चैंपियंस ट्रॉफी की टीम की घोषणा के दौरान रोहित शर्मा को चीफ सिलेक्टर अजित अगरकर से कहते सुना गया था कि, “BCCI के नए नियमों (परिवार को टूर पर साथ रखने के नियम) पर चीफ सेक्रेटरी से बात करनी होगी।” रोहित ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर सभी खिलाड़ी परेशान हैं और उन्हें लगातार कॉल करके अपनी चिंता जता रहे हैं।