S-400 became Sudarshan Chakra: भारतीय वायुसेना के सुदर्शन चक्र (एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम) ने पाकिस्तान की ओर से किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों को बेअसर कर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभाई है। यह तकनीकी चमत्कार भारत ने 6 साल पहले रूस से खरीदा था, लेकिन इस डील को पूरा करने के लिए कूटनीतिक और तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
एस-400 सिस्टम ने हाल ही में सीमा पर हुए हमलों के दौरान अपनी क्षमता साबित की। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम 400 किमी तक के दायरे में आने वाले किसी भी हवाई खतरे को पलभर में नष्ट कर सकता है। इसकी मदद से भारतीय सीमाओं की सुरक्षा और मजबूत हुई है। सरकार ने भी इस डील को “राष्ट्रीय सुरक्षा की जीत” बताया था।
सुदर्शन S-400 ने पाकिस्तानी ड्रोन हमले धराशायी! भारतीय वायुसेना की ‘गेम-चेंजर’ ताकत ने दिखाया दम।
भारतीय वायुसेना का सुदर्शन S-400 मिसाइल सिस्टम इन दिनों पाकिस्तान के खिलाफ हुए सीमा संघर्ष में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। 7-8 मई की रात को पाकिस्तान ने भारत के उत्तरी और पश्चिमी इलाकों में 15 से ज्यादा शहरों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की। पाकिस्तानी सेना का मकसद भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम S-400 ने हर हमले को बेअसर कर दिया।
इस सिस्टम को भारत ने रूस से खरीदा था और यह लड़ाई के दौरान “गेम-चेंजर” साबित हुआ। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि S-400 ने 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाले हर खतरे को पलभर में नष्ट कर दिखाया। इसकी मदद से पाकिस्तान के 100 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइल हमले फेल हो गए। भारत ने इस डील को लेकर पहले अमेरिका से तनाव झेला था, लेकिन अब यह सिस्टम देश की सुरक्षा की मजबूत दीवार बन गया है।
सुदर्शन S-400: भारत-रूस के 35,000 करोड़ डील का ‘गेम-चेंजर’ हथियार, पाक सीमा पर नजर रखने में माहिर!
भारत ने रूस से खरीदे गए एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का नाम भगवान कृष्ण के प्रसिद्ध अस्त्र “सुदर्शन चक्र” के नाम पर रखा है। यह सिस्टम भारतीय वायुसेना की सबसे ताकतवर सुरक्षा शक्ति माना जाता है। साल 2018 में भारत ने रूस के साथ 35,000 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक समझौते के तहत इसकी 5 स्क्वॉड्रन (इकाइयाँ) खरीदी थीं। पिछले साल हुए एक अभ्यास में सुदर्शन ने दुश्मन के 80% लड़ाकू विमानों को मार गिराकर अपनी क्षमता साबित की थी।
सुदर्शन की पहली स्क्वॉड्रन को 2021 में पंजाब में तैनात किया गया था। इसकी मदद से भारत पाकिस्तान की सीमा और उत्तर-पश्चिमी इलाकों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रख सकता है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम 400 किमी के दायरे में किसी भी हवाई खतरे को सेकंडों में नष्ट करने की क्षमता रखता है। वायुसेना इसे भविष्य की लड़ाइयों के लिए “रणनीतिक गेम-चेंजर” मानती है।
सुदर्शन S-400 क्यों है ‘गेम-चेंजर’? एक साथ 36 टारगेट को मार गिराने की ताकत, जानें खासियत।
भारत का सुदर्शन S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम दुनिया के सबसे शक्तिशाली हवाई रक्षा तंत्रों में गिना जाता है। यह एक साथ 36 अलग-अलग लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है और 72 मिसाइलें दागने की क्षमता रखता है। इसकी चार तरह की मिसाइलें दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों, और AWACS (एयरबोर्न वार्निंग सिस्टम) को अलग-अलग दूरी पर नष्ट कर सकती हैं:
- 400 किमी (लंबी दूरी),
- 250 किमी (मध्यम-लंबी),
- 120 किमी (मध्यम),
- 40 किमी (छोटी दूरी)।
सिस्टम की खासियत:
- एडवांस्ड रडार: इसमें एक 3D रडार लगा है, जो जामरोधी (जैम-प्रूफ) है और हवाई खतरों को 600 किमी दूर से ही पकड़ लेता है।
- मल्टी-टास्किंग: यह एक ही समय में लक्ष्य ढूंढने, ट्रैक करने, और मिसाइल दागने का काम कर सकता है।
- मोबाइल टावर्स: इसे जल्दी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है, जिससे दुश्मन को हैरानी होती है।
- बैलिस्टिक मिसाइल रोकथाम: यह 5 किमी से 60 किमी की ऊंचाई पर उड़ रही मिसाइलों को भी मार गिराता है।
क्यों है गेम-चेंजर?
सुदर्शन S-400 की मदद से भारत की वायुसेना पाकिस्तान सीमा से लेकर चीन तक की हर गतिविधि पर नजर रख सकती है। इसकी स्पीड और एक्यूरेसी इसे युद्ध के मैदान में “दबदबा” बनाती है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिस्टम भारत को एशिया में सुरक्षा के मामले में बड़ा बढ़त देता है।