Gautam Gambhir: टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर इंग्लैंड दौरे से पहले असम के गुवाहाटी स्थित मशहूर कामाख्या देवी मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने मां कामाख्या का आशीर्वाद लिया। यह गंभीर का इस मंदिर में तीसरा दौरा है, लेकिन हेड कोच बनने के बाद से यह उनकी दूसरी विजिट है। पिछले 8 महीनों में दूसरी बार वह टीम की सफलता के लिए मंदिर में मन्नत मांगने आए। क्रिकेट प्रेमियों के बीच यह जानकारी काफी चर्चा में है, क्योंकि गंभीर अक्सर बड़े मैचों या टूर्स से पहले आध्यात्मिक जगहों पर जाते हैं। इस बार इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ से पहले उनका मंदिर जाना फैंस को ख़ास लग रहा है।
इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ से पहले गौतम गंभीर ने कामाख्या मंदिर में लिया आशीर्वाद, वायरल हुआ वीडियो!
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाली 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ से पहले असम के गुवाहाटी स्थित मशहूर कामाख्या देवी मंदिर के दर्शन किए। यहां उन्होंने मां कामाख्या का आशीर्वाद लेकर टीम इंडिया की सफलता की कामना की। इस दौरान उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह मंदिर में प्रार्थना करते नज़र आ रहे हैं।
गौतम गंभीर का यह दौरा ख़ासा चर्चित है, क्योंकि सितंबर 2024 में हेड कोच बनने के बाद यह उनकी दूसरी विजिट है। इससे पहले, जब वह IPL टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के मेंटर थे, तब भी उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ मैच से पहले इस मंदिर में आशीर्वाद लिया था। फैंस का मानना है कि गंभीर बड़े मुकाबलों से पहले आध्यात्मिक तैयारी पर ज़ोर देते हैं। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ महत्वपूर्ण सीरीज़ को लेकर उनका यह कदम क्रिकेट प्रेमियों के बीच उत्साह बढ़ा रहा है।
कामाख्या देवी मंदिर पहुंचे गौतम गंभीर, मां का लिया आशीर्वाद – जानें क्यों खास है यह शक्तिपीठ।
भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक कामाख्या देवी मंदिर असम की राजधानी दिसपुर से करीब 10 किलोमीटर दूर नीलांचल पहाड़ियों पर बना है। यह मंदिर तंत्र साधना और आस्था दोनों के लिए बहुत खास माना जाता है। यहां किसी मूर्ति की नहीं, बल्कि मां की योनि रूप में पूजा की जाती है, जो एक प्राकृतिक कुंड के रूप में स्थित है।
बीते 8 महीनों में ये दूसरी बार है जब पूर्व क्रिकेटर और नेता गौतम गंभीर मां कामाख्या का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। इस बार भी उन्हें मंदिर में हाथ जोड़कर मां से प्रार्थना करते देखा गया। उनके माथे पर तिलक था और उन्होंने गले में लाल रंग की चुनरी भी पहनी हुई थी, जो मां की भक्ति का प्रतीक मानी जाती है। यह जगह न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि रहस्यमयी तंत्र विद्या के कारण देश-विदेश के श्रद्धालुओं को भी आकर्षित करती है।