Vijay Raaz की Gyanvapi Files : एक आगामी हिंदी अपराध–ड्रामा फिल्म है, जो 11 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गयी है । इस फिल्म में विजय राज ने उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की भूमिका निभाई है, जिनकी हत्या 28 जून 2022 को एक धार्मिक उन्मादी हमले में हुई थी । यह संजीदा विषय पर आधारित फिल्म, युग की उस दर्दनाक घटना को पर्दे पर उतारती है, जिसने भारत सहित पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था।
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कन्हैया लाल की कहानी: एक दर्जी, एक पोस्ट और एक खौफनाक अंत
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कन्हैया लाल तेली (दर्जी) के समर्थन में 2022 में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद से ही कन्हैया को धमकियाँ मिलनी शुरू हो गईं ।
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28 जून 2022 को उनके ही दर्जी की दुकान में दो हमलावर—मोहम्मद रियाज़ अत्तारी और ग़ौस मोहम्मद—ने उन्हें माप लेने का बहाना देकर सिलसिलेवार हमला किया । इस बेरहमी ने संपूर्ण भारत में आक्रोश और चिंता की लहर दौड़ा दी।
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हमलावरों ने हत्या की घटना लाइव रिकॉर्ड की और बाद में उसका वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि यह बदला है, वह भी “अपमान” का बदला ।
जांच और प्रतिक्रिया
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राजस्थान सरकार ने तुरंत कर्फ़्यू लगा दिया और इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया ताकि स्थिति को न बिगाड़ा जा सके ।
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नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने इस घटना की जिम्मेदारी ली और दोनों आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की गई ।
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कन्हैया लाल के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई, और उनके बेटों को सरकारी नौकरी की पेशकश की गई ।
सामाजिक एवं वैश्विक प्रभाव
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यह हत्या न केवल भारत के धार्मिक-सामाजिक तनाव को उजागर करने वाली घटना बनी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र ने भी इस पर चिंता जताई
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पूरे देश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुए। उदयपुर में 7,000 से अधिक लोगों ने शपथ लेकर कंधे से कंधा मिलाकर यूनिटी मार्च निकाला ।
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अनेक मुस्लिम संगठन—जैसे AIMPLB, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद—ने इस हत्या की निंदा करते हुए कहा कि धर्म इंसानी जान लेने की अनुमति नहीं देता
फिल्म की रूपरेखा
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निर्देशक: भारत एस. श्रीनाते और जयंत सिन्हा ।
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मुख्य कलाकार: विजय राज (कन्हैया लाल), प्रीति झांझियानी, कमलेश सावंत, मुश्ताक खान ।
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शैलियाँ: अपराध, ड्रामा, थ्रिलर — कुल चलने का समय लगभग 2 घंटे 5 मिनट ।
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कहानी की रूपरेखा: इसका कथानक हत्या की तैयारी से लेकर उस भयानक दिन तक ले जाता है, साथ ही सामुदायिक विभाजन, मीडिया और न्यायिक प्रक्रियाओं को दर्शाता है ।
सामाजिक प्रतिबिम्ब
यह फिल्म सिर्फ एक अपराध कहानी मात्र नहीं, बल्कि भारत में वर्तमान में विद्यमान धार्मिक तनाव और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे संवेदनशील मुद्दों का प्रतिनिधित्व करती है। अधिकतर दर्शकों को यह ब्रिटल रियलिटी की याद दिलाएगी—कैसी शक्ति, कैसी राजनीति, और आम इंसान की आहत संवेदनाएँ एक साथ टकराती हैं।
विवादास्पद पहलू
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विषय की संवेदनशीलता को देखते हुए यह फिल्म आलोचनाओं के घेरे में है। कहीं इसे प्रचारात्मक उपकरण ना मान लिया जाए, जबकि कहीं इसका सामाजिक सच उजागर करने वाला कार्य माना जाएगा।
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प्रतिनिधित्व की ईमानदारी और किसी समुदाय के संवेदनाओं का ध्यान रखना—यह बड़ी चुनौती है जो निर्देशक और टीम को संतुलित रूप से निभानी होगी।
निष्कर्ष
“Gyanvapi Files: A Tailor’s Murder Story” 2022 के उस भयावह दिन की याद ताजा करता है जब एक दर्जी की दुकान की शोभा, सामाजिक सहिष्णुता के साथ-साथ एक निर्दोष जीवन भी नष्ट हो गया। यह फिल्म:
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कन्हैया लाल की कहानी को न्याय देने का प्रयास करती है – एक आम आदमी जिसने सोशल मीडिया पर गलती की थी, लेकिन जिनकी जान चोरी-छिपे नहीं, बल्कि दिनदहाड़े ले ली गई।
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अनुसंधान और सच्ची घटनाओं पर आधारित कथानक के माध्यम से, यह दिखाती है कि कैसे व्यक्तिगत दुश्मनी वेक्टर में धार्मिक कट्टरवाद से जुड़ जाता है।
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समाज में जागरूकता और संवाद को प्रोत्साहित करती है—जैसे कि कैसे संवाद की कमी, नफरत और डर के जरिए मानवता पर चोट पहुंचा सकते हैं।
क्या देखें और क्यों?
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यदि आप रियल इवेंट–ड्रामा पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपको खूब सोचने पर मजबूर करेगी।
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खासकर वर्तमान सामाजिक–राजनीतिक क्लाइमेट में, इससे जुड़ी चर्चाएँ, विश्लेषण और प्राथमिक दस्तावेज महत्वपूर्ण बनेंगे।
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विजय राज की सशक्त एक्टिंग और निर्देशक की रिसर्च आधारित प्रस्तुति इसे एक तथ्यात्मक थ्रिलर बनाती है—जो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि दर्शन भी है।
निष्कर्षतः, यह फिल्म न केवल एक क्राइम–थ्रिलर है, बल्कि वह दस्तावेजी सिनेमा है जो भारत को उसके स्वयं के आचरण, सहिष्णुता और न्याय की धरातल पर परखने की चुनौती देती है। 11July 2025 को जो दर्शन सुनने मिलेगा, उससे हमारी सोच, हमारी समझ और हमारा समाज—तीनों पर असर पड़ेगा।